मुंबई। मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट के अन्तर्गत एक 65 वर्षीय व्यक्ति को अपनी बेटी और नाबालिग नातिन से दुष्कर् करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है। पीड़ित महिला ने कोर्ट के सम्मुख अपने बयान में बताया कि जब वह 15 साल की थी, तब से उसके पिता उसका योन शोषण कर रहे थे।
महिला ने बताया कि वह शादी के बाद भी अपने माता-पिता के साथ ही रहती थी। इसके साथ उसने कि उसके पिता ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी से भी इसके बारे में जिक्र किया तो वह उसके बच्चों को नुकसान पहुंचाएगा।
पीड़ित महिला के मुताबिक वह अपनी मां के साथ घर का काम करती थी जबकि उसके पिता, भाई और पति चित्रकार थे। महिला ने अदालत को यह भी बताया कि उसने इस यौन उत्पीड़न के बारे में अपने एक पड़ोसी को बताया था, जिसकी बाद में मौत हो गई थी इसके बाद उसने इसके बारे में किसी और को नहीं बताया।
इसके अलावा महिला ने बताया कि वर्ष 2017 में एक दिन उसकी बेटी जो दूसरी कक्षा में पढ़ती थी, ने उसे बताया कि नाना रात में जब उसके साथ सोते हैं, तो उसके साथ गलत हरकत करते हैं। बेटी से विवरण सुनने के बाद महिला तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंची और अपने पिता के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
सभी सबूतों और तर्कों के बाद न्यायाधीश रेखा एन पंधारे ने आईपीसी की धारा 376 (2) (बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को दोषी पाया अदालत ने पेंटर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया। दोषी को बेटी को 50,000 रुपये और नातिन को 25,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
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