यूपी। कोरोना काल में बंद हुए प्राइमरी स्कूलों को फिर से खोलने की तैयारी हो गई है। पहले बड़ी कक्षाओं को खोलने की इजाजत सरकार ने दी थी। और 1 मार्च से सभी प्राइमरी स्कूलों को खोलने को कहा गया था। जिसके बाद सभी निजी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की तैयारी है। शनिवार को अधिकांश स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग भी बुलाई गई थी। ज्यादातर स्कूलों का दावा है कि 50 फीसदी से अधिक अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति दे दी है।
स्कूलों ने उन अभिभावकों को बुलाया था, जिन्होंने अभी तक सहमति नहीं दी थी। अभिभावकों के अनुसार स्कूल उनको आश्वाशन देते रहे कि वे बच्चों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखेंगे। उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि बच्चों को क्लास के अलावा इधर-उधर नहीं जाने दिया जाएगा। अभिभावकों के अनुसार स्कूलों ने बताया कि शुरुआत में बच्चों पर पढ़ाई का दबाव भी नहीं दिया जाएगा। केवल रीडिंग और राइटिंग ही कराई जाएगी ताकि वे धीरे-धीरे माहौल में ढल सकें।
सत्र खत्म होने में एक महीना बाकी है। ऐसे में अभिभावकों से बकाया फीस जमा कराने के लिए कहा जा रहा है। अभिभावकों ने बताया कि स्कूल परीक्षा से पहले बच्चों की फीस जमा करने का निर्देश दे रहे हैं। रोज शिक्षकों द्वारा मेसेज कराया जा रहा है।
अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि अधिकांश स्कूलों में 60 से 70 प्रतिशत से ज्यादा अभिभावकों की सहमति पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि सेंट जोसेफ में 75 प्रतिशत से ज्यादा सहमति आ गई है।
अवध कॉलेजिएट के संस्थापक सर्वजीत सिंह ने बताया कि उनके यहां कक्षा 4 और 5 के लिए अभिभावकों की सहमति 85 प्रतिशत को भी पार कर गई है। जबकि कक्षा एक, दो और तीन के लिए 55 फ़ीसदी से ज्यादा अभिभावकों ने सहमति दी है।
सीएमएस के प्रवक्ता ऋषि खन्ना ने बताया कि सभी शाखाओं में 45 से 55 फीसदी से ज्यादा अभिभावकों की सहमति मिली है। डीपीएस एल्डिको, जानकीपुरम, इंदिरानगर ने भी 50 फीसदी तक सहमति मिलने का दावा किया है।
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