नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दंगों को शांत करने के लिए पुलिसकर्मियों ने हवा मे कम से कम 461 गोलियां चलाई थी और 4,000 आंसू गैस के गोले दागे थे । रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली हिंसा के दौरान गोलीयों का इस्तेमाल और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल पिछले हाल के सालों में कभी इतना नही किया गया था। दिल्ली हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी।
जानिए दिल्ली हिंसा पर पुलिस की रिपोर्ट में और क्या-क्या?
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस, लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग का इस्तेमाल किया था, पुलिस द्वारा किया गया बल प्रयोग न तो बहुत ज्यादा था और न ही कम था, लेकिन स्थिति की मांग के अनुरूप था। - पुलिस ने कहा है कि जब दंगाइयों ने पिस्तौल और अन्य हथियार चलाए, तो उनके सभी अधिकारियों ने जवाब में सिर्फ हवाई हमला किया और सड़क पर किसी भी दंगाई को गोली नहीं मारी। - मरने वाले 53 लोगों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बाद में पता चला कि उनमें से कम से कम 13 लोग बंदूक की गोली के घाव से मर गए थे।
पुलिस जांच के दौरान पता चला है कि दंगों से पहले कई दंगाइयों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से हथियार खरीदे थे। पुलिस जांच में पता चला है कि दंगों से पहले कई दंगाइयों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से हथियार खरीदे थे। दिल्ली हिंसा के दौरान एक पूर्वोत्तर दिल्ली निवासी की तस्वीर सामने आई थी, जो पिस्तौल पकड़े हुए था, जो हिंसा के बीच में एक पुलिस अधिकारी को बंदूक दिखा रहा था, जिसे बाद में शाहरुख पठान के रूप में पहचाना गया था।
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