गुजरात। बीजेपी ने गुजरात में छह नगर निगमों के लिए हुए
चुनाव में अपनी जीत का झंडा गाढ़ा है। सत्तारूढ़ बीजपी ने राज्य के सभी छह नगर
निगमों अहमदाबाद, सूरत,
वडोदरा, राजकोट,
जामनगर और भावनगर में 576 में से 483 सीटें जीतकर सत्ता में
अपनी जगह बरकरार रखी। बता दें कि इन नगर निगमों के चुनाव के लिए मतदान 21 फरवरी को
हुआ था। वहीं बड़ी बात यह रही कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को
शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, जबकि आम आदमी
पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने इस बार
झंडा गाढ़ दिया।
दिलचस्प बात यह है कि सूरत में कांग्रेस को एक भी सीट हासिल
नहीं हुई। सभी नगर निगमों को मिलाकर कांग्रेस केवल 55 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। कांग्रेस
ने तीन नगर निगमों में केवल एक अंक में सीटें जीतीं। कांग्रेस ने अहमदाबाद में 25,
राजकोट में 4,
जामनगर में 11,
भावनगर में 8 और वडोदरा में 7 सीटें जीतीं।
बता दें कि राज्य में नगर निकाय चुनावों में पहली बार उतरी
आम आदमी पार्टी (आप) ने 27 सीटों पर जीत हासिल की और ये सभी सीटें उसने सूरत में
जीती। आप सूरत नगर निगम में मुख्य विपक्ष के रूप में उभरी है। आप ने छहों नगर
निगमों में कुल 470 उम्मीदवार उतारे थे। इस जीत पर केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा,
"नई राजनीति की शुरुआत करने के लिए गुजरात के लोगों को दिल
से बधाई." पार्टी ने बताया है कि केजरीवाल राज्य के लोगों का धन्यवाद देने के
लिए 26 फरवरी को गुजरात में एक रोड शो करेंगे।
कुल मिलाकर इस चुनाव में जीत भले ही बीजेपी की हो,
लेकिन चर्चा का केंद्र अरविंद केजरीवाल और असदुद्दीन ओवैसी
हैं। गुजरात, जो बीजेपी का
गढ़ माना जाता रहा है। वहां कांग्रेस की शर्मनाक हार और आम आदमी पार्टी-एआईएमआईएम
का उदय नई राजनीति की ओर इशारा कर रहा है। केजरीवाल ने सही ही कहा है ये गुजरात की
'नई राजनीति'
है।
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