नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल बढ़ती कीमतों कीमतों से लोग परेशान हैं। देश कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत जहां सैकड़े के पार पहुंच चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ डीजल का रेट भी 90 रूपए के पार जा चुकी है। ऐसी स्थिति में आम जनता के बीच यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर कब तक उन्हें ईंधन की इन बढ़ी कीमतों से राहत मिलगा। मिलेगा य नहीं?
ऐसे में मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक-2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार जीएसटी परिषद की अगली बैठक में पेट्रोल-डीजल पर चर्चा के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर राज्य सहमत हों तो आगे बढ़कर चर्चा करने का प्रस्ताव लाएं। उन्हें परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करके खुशी होगी।
चर्चा के दौरान संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह पेट्रोल-डीजल पर किसी राज्य के कम या ज्यादा कर होने का जिक्र नहीं करना चाहतीं लेकिन अभी महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल पर सबसे अधिक राज्य कर है। उन्हें लगता है कि आज सदन की चर्चा के बाद राज्य इसे जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में सोंचेंगे।
वित्त मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस के नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि मंत्री जी ने बढ़िया आवाज में अच्छा भाषण दिया लेकिन रसोई गैस और पेट्रोल डीजल को लेकर कोई ठोस बात नहीं की। पेट्रोल-डीजल पर तो आपने राज्यों के कर की बात कही लेकिन रसोई गैस पर तो राज्यों का कोई कर नहीं लगता, महिलाएं अब खाली सिलेंडरों का क्या करें।
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