लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए मनमाना खर्च नहीं किया जा सकेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले चुनाव जितनी ही खर्च की सीमा रखने के साथ ही नामांकन और जमानत राशि की धनराशि में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की है। आयोग ने चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। तय सीमा से अधिक खर्च पर जमानत जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च के संबंध में जिलाधिकारियों से कहा है कि निर्वाचन व्यय के अनुश्रवण के लिए उनकी अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित की जाए। जिला कमेटी क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य के चुनाव खर्च पर नजर रखेगी। प्रधान पद के लिए तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी होगी। नामांकन दाखिल करने की तिथि से निर्वाचन की घोषणा तक प्रत्याशियों को प्रतिदिन के चुनाव खर्च का ब्योरा तय प्रारूप वाले लेखा रजिस्टर में लिखना होगा।
ग्राम पंचायत सदस्य को छोड़ अन्य पदों के प्रत्याशियों को चुनावी खर्च के लिए अलग से बैंक में खाता भी खोलना होगा। चुनाव खत्म होने के तीन माह में प्रत्याशियों को लेखा रजिस्टर बाउचर सहित कमेटी को सौंपना होगा। जांच में अधिकतम खर्च की सीमा से ज्यादा खर्च पाए जाने पर संबंधित प्रत्याशी की जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी।
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