नई दिल्ली। प्रॉविडेंट फंड में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। मोदी सरकार ने पीएफ में निवेश के ब्याज पर छूट मिलने की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। लेकिन इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को होगा जिसमें नियोक्ता की तरफ से कोई योगदान नहीं दिया जाता है।
पीएफ को लेकर ये नया नियम नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में ऐलान किया था कि पीएफ में सालाना 2.5 लाख रुपये तक के निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होगा, लेकिन इसके ऊपर किए गए निवेश पर जो भी ब्याज मिलेगा उस पर टैक्स देना होगा। इसमें कर्मचारी और कंपनी या नियोक्ता दोनों का योगदान शामिल है।
सरकार ने ये कदम उन लोगों पर अंकुश लगाने के लिए उठाया था जो अपना सरप्लस पैसा पीएफ अकाउंट में डालकर ब्याज कमाते हैं, जबकि पीएफ को आम लोगों के लिए रिटायमेंट फंड के तौर पर देखा जाता है।
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